क्राइम खबरनामा, गौरव नागपाल,पंजाब विजिलेंस ब्यूरो (वीबी) ने राज्य में भ्रष्टाचार के खिलाफ जारी अभियान के दौरान शुक्रवार को अमृतसर जिले के रईया निवासी एक निजी होम्योपैथिक डॉक्टर डॉ. अरविंद कुमार को उस समय गिरफ्तार किया, जब वह तरनतारन में 3.50 लाख रुपये की रिश्वत ले रहा था।
इस बारे में जानकारी देते हुए राज्य विजिलेंस ब्यूरो के एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि यह गिरफ्तारी पटियाला जिले के पातड़ां कस्बे के निवासी अशोक कुमार की शिकायत के बाद की गई है। शिकायत के अनुसार, डॉ. अरविंद कुमार ने शुरू में डॉ. सुमित सिंह की ओर से 5 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी, जो वर्तमान में अमृतसर के मनावाला में वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी (एसएमओ) के रूप में कार्यरत हैं। कथित तौर पर रिश्वत का उद्देश्य अदालत में चल रहे मामले में शिकायतकर्ता के पक्ष में डॉ. सुमित सिंह की गवाही को प्रभावित करना था।
बाद में रकम को घटाकर 3.50 लाख रुपये कर दिया गया। उन्होंने आगे बताया कि यह मामला एसएमओ राजेश कुमार की शिकायत के आधार पर पातड़ां पुलिस स्टेशन में पीएनडीटी एक्ट और एनडीपीएस एक्ट के तहत अशोक कुमार और अन्य के खिलाफ दर्ज मामले से संबंधित है। इस मामले में डॉ. सुमित सिंह मुख्य गवाह हैं।
प्रवक्ता ने बताया कि शिकायत की प्रारंभिक जांच के बाद विजीलैंस ब्यूरो की टीम ने तरनतारन में जाल बिछाया, जहां डॉ. अरविंद कुमार सीमावर्ती क्षेत्र के निवासियों के कल्याण, खासकर दहेज मामलों और महिला सशक्तिकरण के लिए काम करने वाली राष्ट्रीय स्तर की समिति “सरहदी लोक सेवा समिति” के कार्यालय में मौजूद थे।
आरोपी को दो सरकारी गवाहों की मौजूदगी में शिकायतकर्ता से 3.50 लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया। सबूत के तौर पर पेश की गई ऑडियो रिकॉर्डिंग से रिश्वत की मांग की पुष्टि हुई, जिसके बाद उसे गिरफ्तार किया गया। इस संबंध में मोहाली में विजीलैंस ब्यूरो के फ्लाइंग स्क्वॉड-1 पुलिस स्टेशन पंजाब में डॉ. अरविंद कुमार के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
आरोपी को कल सक्षम न्यायालय में पेश किया जाएगा। उन्होंने बताया कि आगे की जांच जारी है और डॉ. सुमित सिंह और इसमें शामिल अन्य व्यक्तियों की भूमिका की गहन जांच की जाएगी।