कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के बाढ़ प्रभावित इलाकों के दौरे के दौरान अमृतसर के गुरुद्वारा बाबा बुड्ढा साहिब जी और श्री दरबार साहिब में उन्हें सिरोपा पहनाकर सम्मानित किए जाने पर विवाद खड़ा हो गया है। इस सम्मान को लेकर कई सिख जत्थेबंदियों ने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के समक्ष आपत्ति दर्ज कराई है। मामले के तूल पकड़ने पर SGPC ने इसे गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं।
SGPC प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने एक प्रेस नोट जारी करते हुए बताया कि इस मामले की जांच जारी है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि SGPC की अंतरिम कमेटी पहले ही यह निर्णय ले चुकी है कि गुरुद्वारा साहिब में सिरोपा केवल धार्मिक हस्तियों, रागी सिंहों और सिख महापुरुषों को ही दिया जा सकता है। किसी राजनीतिक या विशेष व्यक्ति को यह सम्मान देना सिख मर्यादा और परंपराओं के खिलाफ है।
धामी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि सिखों के 1984 के नरसंहार के लिए जिम्मेदार मानी जाने वाली कांग्रेस पार्टी और गांधी परिवार के सदस्य राहुल गांधी को गुरुद्वारा साहिब से सिरोपा देना किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं है। गौरतलब है कि गुरुद्वारा बाबा बुढ्ढा साहिब में नतमस्तक होने के दौरान राहुल गांधी के साथ कांग्रेस के प्रदेश प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग भी मौजूद थे।
SGPC ने आश्वासन दिया है कि मामले की पूरी रिपोर्ट जल्द तैयार की जाएगी और सिख परंपराओं के उल्लंघन को किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।