पंजाब की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार ने धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी को रोकने के लिए एक सख्त कानून की ओर कदम बढ़ाया है। सोमवार को मुख्यमंत्री भगवंत मान ने विधानसभा में “पंजाब पवित्र ग्रंथ (अपमान निवारण) बिल-2025” पेश किया। इस बिल के तहत अगर कोई व्यक्ति किसी भी धर्म के पवित्र ग्रंथ की बेअदबी करता है, तो उसे 10 साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा हो सकती है।
बिल में सिखों के श्री गुरु ग्रंथ साहिब, हिंदुओं की श्रीमद्भागवत गीता, मुस्लिमों की कुरान शरीफ और ईसाई धर्म की बाइबल को शामिल किया गया है। बिल पर चर्चा अब मंगलवार को विधानसभा सत्र के अंतिम दिन होगी।
चूंकि AAP के पास विधानसभा में 117 में से 93 विधायकों का बहुमत है, इसलिए बिल का पास होना लगभग तय माना जा रहा है। हालांकि यह कानून तब तक प्रभावी नहीं होगा, जब तक कि इसे राज्यपाल की मंजूरी के बाद राष्ट्रपति से स्वीकृति नहीं मिल जाती।
यह बिल राज्य में धार्मिक सहिष्णुता बनाए रखने और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने वाले कृत्यों पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।