डिप्टी कमिश्नर विशेष सारंगल ने प्रशासकीय अधिकारियों को आदेश दिया कि धान की पराली जलाने के प्रति जीरो टालरैंस नीति अपनाई जाए और पुलिस कर्मचारियों के साथ संवेदनशील स्थानों पर सांझा तौर पर गश्त की जाए जबकि एस.एस.पी जालंधर (ग्रामीण) मुखविंदर सिंह भुल्लर ने सभी एस.एच.ओ. को निर्देश दिए कि पुलिस स्टेशनों से बाहर फील्ड में कड़ी निगरानी रखी जाए।
माननीय उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार धान की पराली जलाने पर सख्ती से रोक लगाने के लिए डिप्टी कमिश्नर एवं एस.एस.पी. ने जिला प्रशासकीय परिसर में एस.डी.एम., डी.एस.पी. और एस.एच.ओ. साथ बैठक की। डिप्टी कमिश्नर विशेष सारंगल ने कहा कि जिले में 85 प्रतिशत धान की कटाई हो चुकी है और अब बची हुई 15 प्रतिशत फसल की कटाई के बाद पराली को आग लगाने से रोकने पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि क्लस्टर अधिकारी पहले से ही पुलिस कर्मियों की मौजूदगी में इन गांवों का दौरा कर रहे है और धान की पराली न जलाने के बारे में जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सिविल और पुलिस अधिकारियों का सांझी गश्त लोगों को फसलों के अवशेष को जलाने से प्रभावी ढंग से रोक सकेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि जिन गांवों में फसल की कटाई अभी नहीं हुई , उन गांवों के सरपंचों के साथ बैठकें की जाएं और पैदल मार्च भी निकाला जाए। उन्होंने कहा कि इसके अलावा गुरुद्वारों, मंदिरों और अन्य धार्मिक स्थलों से पराली न जलाने संबंधी संदेश दिया जाए। उन्होंने कहा कि यह खेतों में पराली जलाने से रोकने में मददगार साबित होगा। इस मौके पर एस.एस.पी मुखविंदर सिंह भुल्लर ने थाना प्रभारियों को अगले कुछ दिनों तक अपने क्षेत्र में रहने और यह सुनिश्चित करने का भी आदेश दिया कि कोई भी पराली को आग न लगाए ।