Guru purab 2023: जानें गुरु पर्व का इतिहास, महत्‍व और गुरुनानक जी का जीवन परिचय

Guru purab 2023: जानें गुरु पर्व का इतिहास, महत्‍व और गुरुनानक जी का जीवन परिचय

क्राइम खबरनामा, गौरव नागपाल: Guru purab 2023 गुरु नानक देव जी सिख धर्म के पहले गुरु माने जाते हैं, उन्होंने सिख धर्म की स्थापना की। नानक साहब का जन्म 1469 ईस्वी में लाहौर से 64 किलोमीटर दूर तलवंडी नामक जिले में हुआ था। वर्तमान में यह जगह पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में ननकाना साहिब में मौजूद है। गुरु नानक देव एक मौलिक आध्यात्मिक विचारक थे, उन्होंने अपने विचारों को कविताई शैली में प्रतस्तुत किया है।

कहा जाता है कि ईश्वर ने उन्हें कुछ अलग करने के लिए प्रेरित किया था। नानक साहब में बचपन से ही आध्यात्मिक विवेक और विचारशील जैसी कई खूबियां मौजूद थी, उन्होंने सात साल की उम्र में हिंदी और संस्कृत भाषा में महारथ हासिल कर ली थी। नानक साहब को सिख धर्म के साथ इस्लाम, इसाई और यहूदी धर्म के बारे में भी काफी ज्ञान था।

इस साल गुरु नानक देव जी की 554वीं जयंती है. उनका जन्म हिंदू कैलेंडर के अनुसार कार्तिक महीने के पंद्रहवें चंद्र दिवस पर हुआ था. ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, यह आमतौर पर अक्टूबर और नवंबर में पड़ता है

गुरु नानक जी का जन्म स्थान और तिथि

मान्यताओं मुताबिक, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को गुरु नानक जी का जन्म हुआ था। उनका जन्म सन् 1469 में पंजाब प्रांत के तलवंडी में हुआ था, जो कि अब पाकिस्तान में है। नानक जी के जन्म स्थान को अब नानकाना साहिब के नाम से जाना जाता है। सिख समुदाय के लोगों के लिए यह स्थान काफी पवित्र माना जाता है।

गुरु नानक जयंती का महत्व

मान्यताओं के अनुसार, गुरु नानक जी ने ही सिख धर्म की नींव रखी थी, इसलिए वे सिखों के पहले गुरु माने जाते हैं। नानक जी ने ही पवित्र शब्द  ‘इक ओंकार’ को लिखा था। सिखों के लिए इस गुरुवाणी का काफी अधिक महत्व है। बता दें कि इस साल गुरु नानक जयंती 27 नवंबर, 2023 को मनाई जाएगी।

प्रकाश पर्व क्यों कहा जाता है?

गुरु नानक जी ने अपना जीवन समाज के लिए समर्पित कर दिया था। उन्होंने जात-पात मिटाने के लिए और लोगों को एकता के सूत्र में बांधने के लिए उपदेश दिए थे। नानक जी ने समाज में ज्ञान का प्रकाश फैलाने का कार्य किया थी, इसी वजह से गुरु नानक जयंती को प्रकाश पर्व के रूप में भी मनाया जाता है।

गुरु नानक गुरु वाणी-

इक ओंकार सतनाम करता पुरख

अकाल मूरत
अजूनी सभम
गुरु परसाद जप आड़ सच जुगाड़ सच
है भी सच नानक होसे भी सच
सोचे सोच न हो वे
जो सोची लाख वार
छुपे छुप न होवै
जे लाइ हर लख्ता
रउखिया पुख न उतरी
जे बनना पूरिया पार
सहास्यांपा लाख वह है
ता एक न चले नाल
के वे सच यारा होइ ऐ
के वे कूड़े टूटते पाल
हुकुम रजाई चलना नानक लिखिए नाल

 

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *